The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing
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Tripura Sundari's form is not merely a visible illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by way of symbols to grasp further cosmic truths.
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं
ഓം ശ്രീം ഹ്രീം ക്ലീം ഐം സൗ: ഓം ഹ്രീം ശ്രീം ക എ ഐ ല ഹ്രീം ഹ സ ക ഹ ല ഹ്രീം സ ക ല ഹ്രീം സൗ: ഐം ക്ലീം ഹ്രീം click here ശ്രീം
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः
Her purpose transcends the mere granting of worldly pleasures and extends to the purification with the soul, leading to spiritual enlightenment.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।